चौथा अध्यायः श्रीमद्भगवद्गीता | ज्ञानकर्मसन्यास योग

रीमद्भगवद्गीता
(संजय की नजर से)
चौथा अध्यायः ज्ञानकर्मसन्यास योग


सांख्य योग में ज्ञान की बात हुई तो कर्म योग में शरीर की बात हुई, शरीर से कर्म कैसे किया जाए और बुद्धि से ज्ञान मार्ग पर कैसे चला जाए इसे जाना, लेकिन अब ईश्वर को जानना जरुरी है। क्योंकि अर्जुन का सवाल था कि मैं ईश्वर को क्यों मानू। इस अध्याय में ईश्वर का परिचय, ईश्वर के आने का कारण, स्वभाव, सहित आठ बातों पर चर्चा की गई है। आइए एक बार फिर इस यात्रा पर चले और जाने चौथे अध्याय- ज्ञानकर्मसन्यास योग को। Read More

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