तीसरा अध्याय – श्रीमदभगवदगीता | कर्म योग

रीमदभगवदगीता
(संजय की नजर से)
तीसरा अध्याय- कर्म योग


श्रीमद्भगवद्गीता का तीसरे अध्याय हमें अपने जीवन की कई समस्याओं का हल जानने में मदद करता है।
किसी काम को करने में हम सफल क्यों नहीं होते।
हमें उसे करने का तरीका मालूम नहीं होता। ये ऐसे प्रश्न है जो हमारे सामने आते हैं।
ऐसे ही प्रश्न आज से लगभग 5000 साल पूर्व अर्जुन को परेशान करते थे, जिसका उत्तर उन्हें श्रीकृष्ण से मिला। अर्जुन श्रीकृष्ण से कहते है कि मेरा कर्म क्या है मुझे युद्ध क्यों करना चाहिए। Read more...

 

Comments

Popular posts from this blog

Adhyay 2-Shreemad Bhagwad Geeta | Sankhya Yog | bhagwat geeta in english

Chapter 11 : Vishwaroopa Darshana Yog| Shreemad Bhagwad Geeta Sanjay Ki Nazar Se