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Showing posts from August, 2018

चौथा अध्यायः श्रीमद्भगवद्गीता | ज्ञानकर्मसन्यास योग

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रीमद्भगवद्गीता (संजय की नजर से) चौथा अध्यायः ज्ञानकर्मसन्यास योग सांख्य योग में ज्ञान की बात हुई तो कर्म योग में शरीर की बात हुई, शरीर से कर्म कैसे किया जाए और बुद्धि से ज्ञान मार्ग पर कैसे चला जाए इसे जाना, लेकिन अब ईश्वर को जानना जरुरी है। क्योंकि अर्जुन का सवाल था कि मैं ईश्वर को क्यों मानू। इस अध्याय में ईश्वर का परिचय, ईश्वर के आने का कारण, स्वभाव, सहित आठ बातों पर चर्चा की गई है। आइए एक बार फिर इस यात्रा पर चले और जाने चौथे अध्याय- ज्ञानकर्मसन्यास योग को। Read More

तीसरा अध्याय – श्रीमदभगवदगीता | कर्म योग

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रीमदभगवदगीता (संजय की नजर से) तीसरा अध्याय- कर्म योग श्रीमद्भगवद्गीता का तीसरे अध्याय हमें अपने जीवन की कई समस्याओं का हल जानने में मदद करता है। किसी काम को करने में हम सफल क्यों नहीं होते। हमें उसे करने का तरीका मालूम नहीं होता। ये ऐसे प्रश्न है जो हमारे सामने आते हैं। ऐसे ही प्रश्न आज से लगभग 5000 साल पूर्व अर्जुन को परेशान करते थे, जिसका उत्तर उन्हें श्रीकृष्ण से मिला। अर्जुन श्रीकृष्ण से कहते है कि मेरा कर्म क्या है मुझे युद्ध क्यों करना चाहिए। Read more...  

Adhyay 3- Shreemad Bhagwad Geeta | Karma Yog

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Karma Yog  In this chapter of Bhagwad Gita , Shree Krishna explains that all the mortal beings are obliged to work by their inherent modes of nature ,this implies that the beings are intrinsically guided as to how they shall behave and act in their bodily abode, Lord Krishna further states that nobody can remain without action for even an instant.  Read more....

Adhyay 2-Shreemad Bhagwad Geeta | Sankhya Yog | bhagwat geeta in english

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Sankhya Yog   Lord Krishna or our supreme God starts by inducing in Arjun a desire for knowledge . He does this by pointing out that his state of confusion is not worthy of respect hence is dishonourable and unsuitable for righteous people. He then goes on to remind Arjun of the consequences of illusion, which are hurt, notoriety, failure in life, leading to the  degradation of the soul. Read more...

श्रीमद् भगवद् गीता प्रथम अध्याय : अर्जुन विषाद योग

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अक्सर हम सभी लोग दो सवालों के जवाब ढूंढा करते हैं। मुझे लगता है ये सवाल बहुत महत्त्वपूर्ण है। पहला सवाल है- मैं कौन हूं? और दूसरा सवाल है- मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है? जब इन दोनों सवालों का जवाब मिल जाता है, तो मन में शांति आती है, खुशियां आती हैं। हम सभी को जीवन में कई निर्णय लेने होते हैं और निर्णय लेना ही सबसे बड़ी ताकत है। एक सही निर्णय आपको जीवन में कहीं भी पहुंचा सकता है। निर्णय लेने की यह कला तब आती है, जब हमारे पास इन दोनों सवालों के जवाब होते हैं। Read more....

Adhyay 1- Shreemad Bhagwad Geeta | bhagwat geeta in english

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Adhyay One – ARJUNA VISHAD YOGA  Bhagavad Geeta   is one of the most beautiful and soul enriching spiritual texts ever written, the protagonist or the central figure Arjuna , the great warrior is a true devotee and inquires to   Lord Krishna about several issues as compelling today as they were ions of years ago. Read More...